Jodhpur: दुश्मन देशों को दिया करारा जवाब! वायुसेना, सेना और नौसेना के उप प्रमुखों ने उड़ाया तेजस
Jodhpur: भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना के उप प्रमुखों ने सोमवार को जोधपुर में आयोजित एयर एक्सरसाइज के दौरान स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस की उड़ान भरी। यह दृश्य बेहद ही दुर्लभ था और इससे भारतीय सशस्त्र बलों की एकीकृत रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल ए.पी. सिंह ने मुख्य लड़ाकू विमान में उड़ान भरी, जबकि सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणियन और नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल कृष्ण स्वामीनाथन ने दो-सीटर विमान की उड़ान भरी।
तेजस विमान की महत्वता
तेजस, जिसे ‘हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (HAL) द्वारा निर्मित किया गया है, एक शक्तिशाली विमान है जो हवाई युद्ध और आक्रामक वायु समर्थन मिशनों के लिए उपयुक्त है। इसके साथ ही, यह विमान सैन्य सर्वेक्षण और एंटी-शिप ऑपरेशन्स को भी सक्षम बनाता है।
सभी तीन उप प्रमुखों की उड़ान
अधिकारी ने बताया कि तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों की इस अभ्यास में भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना आधुनिक चुनौतियों का सामना एक साथ मिलकर कर रही हैं। यह पहली बार है जब तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों ने एक साथ उड़ान भरी है। यह भारत की बढ़ती एकीकृत रक्षा क्षमताओं, आत्मनिर्भरता की प्रतिबद्धता और तीनों सशस्त्र बलों के बीच सहज एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है।
तरंग शक्ति अभ्यास का उद्देश्य
भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित तरंग शक्ति अभ्यास का उद्देश्य शामिल बलों के बीच आपसी सहयोग को मजबूत करना है। इस मिशन में तेजस की भूमिका का समावेश यह दर्शाता है कि स्वदेशी प्लेटफार्मों का भारत की रक्षा अवसंरचना के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान है। इस उड़ान अभ्यास के बाद, तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों ने भारतीय सेनाओं और इसमें शामिल मित्र देशों की सेनाओं के साथ बातचीत की।
तेजस की भविष्यवाणी
अधिकारी ने बताया कि तेजस विमान भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। 1 जुलाई 2016 को, भारतीय वायुसेना ने प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (IOC) के साथ पहले दो तेजस विमानों को प्राप्त किया था। इसके बाद, फरवरी 2019 में विमान की अंतिम परिचालन मंजूरी (FOC) की घोषणा की गई थी। तेजस का यह भूमिका भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण का एक महत्वपूर्ण कदम है और यह देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में सहायक होगा।
स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का महत्व
इस प्रकार का उड़ान और अभ्यास यह स्पष्ट करता है कि भारत अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है। स्वदेशी रक्षा तकनीकों और उनके प्रभावशीलता को बढ़ावा देने के लिए भारत की यह प्रतिबद्धता अत्यधिक महत्वपूर्ण है। तेजस की सफलता और इसके मिशनों में शामिल होने से भारतीय रक्षा क्षेत्र को और अधिक मजबूती मिलेगी।
निष्कर्ष
वायुसेना, सेना और नौसेना के उप प्रमुखों द्वारा तेजस विमान की उड़ान एकीकृत क्षमताओं और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अभ्यास यह दिखाता है कि भारतीय सशस्त्र बल एक साथ मिलकर आधुनिक चुनौतियों का सामना करने और स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। तेजस विमान की महत्वपूर्ण भूमिका और इसके माध्यम से भारत की रक्षा क्षमताओं का बढ़ना भारतीय सैन्य शक्ति का प्रतीक है।